सलाम चेची पाँच पैनलों वाली एक पेंटिंग है, जिसमें तस्वीरें और उद्धरण शामिल हैं. यह एक विशाल स्टोरीबोर्ड की तरह दिखाई देती है. मलयालम शब्द ‘चेची’ का मतलब होता है ‘बहन’, और केरल तथा आसपास अस्पतालों में नर्सों को अक्सर यही कह कर बुलाया जाता है. अपने निजी अनुभवों के आधार पर शेख़ ने मलयाली नर्सों को श्रद्धांजली दी है, जो विस्थापन, भेदभाव और शोषण का सामना करते हुए भी अपने काम के प्रति लगन और ज़िम्मेदारी बनाए रखती हैं.
पेंटिंग में रचे गए दृश्य में देखभाल और इलाज का एक सधा हुआ और शांत माहौल रचा गया है. मुख्य फ्रेम में एक बुज़ुर्ग मरीज़ तीन नर्सों की मदद से खड़ी होने की कोशिश कर रही हैं, जबकि निचले हिस्से में नर्सों को एक महिला की देखभाल करते दिखाया गया है.
इसके दोनों तरफ़, दो पतले पैनल एक मेडिकल केयर सेंटर के अंदरूनी हिस्सों को दिखाते हैं. इनमें से एक पैनल में लीबिया के गृह युद्ध पर एक टिप्पणी और वहाँ राहत पहुँचाने में मलयाली नर्सों के योगदान की कहानी है. ख़बरों से उद्धरण देते हुए, कलाकार ने इसकी चर्चा की है कि कैसे ये मेहनतकश औरतें युद्ध ग्रस्त इलाक़ों में वापस जाने को मजबूर हुई थीं, क्योंकि अपने देश में उन्हें उससे कम वेतन हासिल होता है.